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द्विसन्धान-महाकाव्य का सांस्कृतिक परिशीलन
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६. गोपिका (ग्वालिन) १ - सिर पर घड़ा उठाकर दही, घी आदि बेचने वाली
७. नट (अभिनेता)२ – नाटकादि में कार्य करने वाले
८. नटन्त्य (भडुए ) ३ - स्त्री वेश धारण कर जनता का मनोरंजन करने वाले
९. गायक (संगीतकार) ४ – संगीत बजाने वाले
४.
५.
६.
१०. सूत (चारण) ५ – काव्यात्मक प्रशस्ति गाने वाला
-
११. नर्तकी – नृत्य करने वाली
१२. वेश्या' – वेश्यावृत्ति करने वाली
१३. सार्थवाह' - बड़े व्यापारी
१४. पुरोहित' – कर्मकाण्ड आदि कराने वाले
१५. अध्यापक १० – अध्यापन कार्य करने वाले
-
१६. काव्यकार११ – काव्य-रचना करने वाले
१७. चित्रकार १२ – चित्र बनाने वाले
आवासीय -स्थिति
मुख्यतया आवास की दो इकाइयाँ रही थीं- ग्राम तथा नगर । द्विसन्धान महाकाव्य में निगम नामक निवासार्थक संज्ञा भी उपलब्ध होती है । १३ प्राचीन
१. द्विस, ४.४८
२.
३. वही, १.३०
वही, ४.२२
वही
वही, १.३०
७.
वही, १.३४
८. वही, १.१८
९. वही, ३.९
१०. वही, १.३५
११ . वही, १.४८ तथा ८.४८
१२. वही, ८.४४
१३. द्रष्टव्य - वही,
वही, १.१८,४.२२
४.४६