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भगवती सूत्र-श. ५ उ. ७ परमाणु पुद्गलादि की स्पर्शना
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की एकता हो जाती हो, परन्तु यह बात नहीं है । दोनों परमाणु अपने अपने स्वरूप में भिन्न ही रहते हैं, दोनों की एकता (स्वरूप मिश्रण) नहीं होती। इसलिये घटादि पदार्थों के अभाव रूप पूर्वोक्त आपत्ति नहीं आ सकती।
___ जब परमाणु पुद्गल, द्विप्रदेशी स्कन्ध को स्पर्श करता है, तब 'सर्व से देश,' रूप सातवाँ विकल्प और 'सर्व से सर्व' रूप नववां विकल्प ये दो विकल्प-पाये जाते हैं । जब द्विप्रदेशी स्कन्ध, आकाश के दो प्रदेशों पर रहा हुआ होता है, तब परमाणु पुद्गल उस स्कन्ध के देश को अपने समस्त आत्मा द्वारा स्पर्श करता है। क्योंकि परमाणु का विषय उस स्कन्ध के देश को स्पर्श करने का ही है । अर्थात् आकाश के दो प्रदेशों पर स्थित द्विप्रदेशी स्कन्ध के देश को ही परमाणु स्पर्श कर सकता है । जब द्विप्रदेशी स्कन्ध, परिणाम की सूक्ष्मता से आकाश के एक प्रदेश पर स्थित होता है, तब परमाणु सर्वात्म द्वारा उस स्कन्ध के सर्वात्म को स्पर्श करता है ।
___ जब परमाणु पुद्गल त्रिप्रदेशी स्कन्ध को स्पर्श करता है, तब सातवां, आठवां और नववां-ये तीन विकल्प पाये जाते हैं । जब त्रिप्रदेशी स्कन्ध, आकाश के तीन प्रदेशों पर रहा हुआ होता है, तब परमाणु अपने सर्वात्म द्वारा उसके एक देश को स्पर्श करता है । क्योंकि तीन आकाश प्रदेशों पर रहे हुए त्रिप्रदेशी स्कन्ध के एक प्रदेश को स्पर्श करने का ही परमाणु में सामर्थ्य है । यह सातवां विकल्प है । जब त्रिप्रदेशी स्कन्ध के दो प्रदेश एक आकाश प्रदेश पर रहे हुए हों और तीसरा एक प्रदेश, अन्यत्र (दूसरे आकाश प्रदेश पर) रहा हुआ हो, तब एक आकाश प्रदेश पर रहे हुए दो परमाणुओं को स्पर्श करने का सामर्थ्य, एक परमाणु में होने से 'सर्व से बहुत देशों को स्पर्श करता है।' यह आठवां विकल्प पाया जाता हैं ।
__ शंका-'सर्व से बहुत देशों (दो देशों) को स्पर्श करता है'-यह आठवां विकल्प जैसे त्रिप्रदेशी स्कन्ध में घटाया गया है, उसी तरह द्विप्रदेशी स्कन्ध में भी घटाना चाहिये। क्योंकि वहां पर भी उस द्विप्रदेशी स्कन्ध के दोनों प्रदेशों को वह परमाणु सर्वात्म द्वारा स्पर्श करता है, इसलिये यह विकल्प द्विप्रदेशी स्कन्ध में क्यों नहीं बतलाया गया है ?
समाधान-जिस प्रकार यह विकल्प त्रिप्रदेशी स्कन्ध में घटाया गया है, उस प्रकार द्विप्रदेशी स्कन्ध में घटित नहीं हो सकता, क्योंकि द्विप्रदेशी स्कन्ध स्वयं अवयवी है, वह किसी का अवयव नहीं है, तब यह कैसे कहा जा सकता है कि 'सर्व से दो देशों को स्पर्श करता है ।' त्रिप्रदेशी स्कन्ध में तो तीन प्रदेशों की अपेक्षा दो प्रदेशों का स्पर्श करते समय एक प्रदेश बाकी रहता है । अर्थात् उसके जो दो परमाणु एक आकाश प्रदेश पर रहे
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