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भगवती सूत्र-ग. ५ उ. ८ जीवों की हानि और वृद्धि
भावार्थ-४ प्रश्न-हे भगवन् ! गौतम स्वामी ने श्रमण भगवान् महावीर स्वामी से इस प्रकार पूछा-'हे भगवन् ! क्या जीव बढ़ते है ? घटते हैं ? या अवस्थित रहते हैं ?
४ उत्तर-हे गौतम ! जीव बढ़ते नहीं हैं, घटते नहीं है, किन्तु अवस्थित
__५ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या नरयिक जीव, बढ़ते हैं ? घटते हैं ? या अवस्थित रहते हैं। __५ उत्तर-हे गौतम ! नरयिक बढ़ते भी हैं, घटते भी हैं और अवस्थित भी रहते हैं। जिस प्रकार नरयिकों के विषय में कहा है, उसी प्रकार वैमानिक पर्यन्त चौबीस ही दण्डक के जीवों के लिए कहना चाहिए।
६ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या सिद्ध भगवान् बढ़ते हैं, घटते हैं, या अवस्थित रहते हैं ? ___६ उत्तर-हे गौतम ! सिद्ध भगवान् बढ़ते हैं, घटते नहीं, अवस्थित भी रहते हैं।
७ प्रश्न-जीवा णं भंते ! केवइयं कालं अवट्ठिया ? ७ उत्तर-गोयमा ! सव्वधं । ८ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! केवइयं कालं वदति ?
८ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एगं समय, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं । एवं हायंति वा।।
९ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! केवइयं कालं अवट्ठिया ? . ९ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चवीसं
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