Book Title: Bhagvati Sutra Part 02
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 531
________________ १०४८ भगवती सूत्र-श. ६ उ. ८ देवलोकों के नीचे ९ उत्तर-णो इणटे समटे । १० प्रश्न-अस्थि णं भंते ! उराला बलाहया ? १० उत्तर-हंता, अस्थि । देवो पकरेइ, असुरो वि पकरेइ, णो णागो पकरेइ, एवं थणियसद्दे वि । ११ प्रश्न-अस्थि णं भंते ! बायरे पुढवीकाए, बायरे अगणिकाए ? ११ उत्तर-णो इणटे समढे, णण्णत्थ विग्गहगइसमावण्णएणं । १२ प्रश्न-अस्थि णं भंते ! चंदिम-० ? १२ उत्तर-णो इणढे समझे। १३ प्रश्न-अस्थि णं भंते ! गामा इ वा ? १३ उत्तर-णो इणढे समढे । १४ प्रश्न-अस्थि णं भंते ! चंदाभा इ वा ? १४ उत्तर-गोयमा ! णो इणटे समटे, एवं सणंकुमारमाहिदेसु, णवरं-देवो एगो पकरेइ; एवं बंभलोए वि, एवं बंभलोगस्स उवरि सव्वेहिं देवो पकरेइ; पुच्छियव्यो य बायरे आउकाए, बायरे अगणिकाए, बायरे वणस्सइकाए; अण्णं तं चेव । गाहा-तमुक्काए कप्पपणए अगणि-पुढवी य अगणि पुढवीसु, आऊ तेऊ वणस्सई कप्पुवरिमकण्हराईसु । कठिन शब्दार्थ-एगो-अकेला, उवरि- ऊपर । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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