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९३.
भगवती सूत्र-श. ५ उ. १० देवलोक
उसी प्रकार यह दसवां उद्देशक कहना चाहिए, किन्तु इतनी विशेषता है कि यहां 'चन्द्र' के अभिलाप से कथन करना चाहिए ।
Pructudies
॥ इति पांचवें शतक का दसवां उद्देशक समाप्त ॥
॥ पांचवां शतक सम्पूर्ण ॥
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