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भगवती सूत्र-श. ६ उ. ३ कर्मों के बंधक
- २४ उत्तर-हे गौतम ! ज्ञानावरणीय कर्म को भाषक और अभाषक ये दोनों प्रकार के जीव कदाचित् बांधते हैं और कदाचित् नहीं बांधते हैं । इसी प्रकार वेदनीय कर्म को छोड़कर शेष सात कर्म प्रकृतियों के विषय में कहना चाहिये । भाषक जीव, वेदनीय कर्म को बांधता है । अभाषक जीव कदाचित् बांधता है और कदाचित् नहीं बांधता है।
२५ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या परित्त (एक शरीर में एक जीव) जीव ज्ञानावरणीय कर्म बांधता है, अपरित जीव बांधता है, या नोपरित्त नोअपरित्त जीव बांधता है ?
२५ उत्तर-हे गौतम ! परित्त जीव, ज्ञानावरणीय कर्म को कदाचित बांधता है और कदाचित् नहीं बांधता है । अपरित जीव बांधता है । नोपरित्तनोअपरित्त जीव नहीं बांधता है। इस प्रकार आयुष्य कर्म को छोड़कर शेष सात कर्म प्रकृतियों के विषय में कहना चाहिये । परित्त और अपरित्त ये दोनों प्रकार के जीव आयुष्य कर्म को कदाचित् बांधते है और कदाचित् नहीं बांधते है । नोपरित्त नोअपरित्त जीव आयुष्य कर्म नहीं बांधते हैं। ___२६ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या आभिनिबोधिक (मति) ज्ञानी, श्रुतज्ञानी, अवधिज्ञानी, मनःपर्यवज्ञानी और केवलज्ञानी, ज्ञानावरणीय कर्म बांधते हैं ?
२६ उत्तर-हे गौतम ! आभिनिबोधिक ज्ञानी, श्रुत्तज्ञानी, अवधिज्ञानी और मनःपर्ययज्ञानी-ये चार कदाचित् ज्ञानावरणीयकर्म को बांधते हैं और कदाचित् नहीं बांधते हैं । केवलज्ञानी नहीं बांधते हैं । इसी प्रकार बेदनीय कर्म को छोड़कर शेष सात कर्म प्रकृतियों के विषय में कहना चाहिये । आभिनिबोधिक आदि चारों वेदनीय कर्म को बांधते हैं। केवलज्ञानी कदाचित् बांधते हैं और कदाचित् नहीं बांधते हैं।
२७ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या मति-अज्ञानी, श्रुत-अज्ञानी और विभंगज्ञानी, ज्ञानावरणीय कर्म को बांधते हैं?
२७ उत्तर-हे गौतम ! आयुष्य कर्म को छोड़कर शेष सात कर्म प्रकृ
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