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भार्यमतलीला ॥
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| रथ अर्थात् बिमानादि मवारी पति- हैं जब कि मनष्य विमान और जहायोंके तुल्य अन्तरिक्ष में ऊपर घस्ने ” ! ज बनाना जानते थे और ऐसे महान् " हे व्यवहार करने वाले कारीगरो ! विद्वान् हो गये थे कि केवल इतनी जो श्राप मनुष्योंकी नौकामे पार जाने घातका उपदेश देने पर कि लहाण में के लिये हमारे लिये विमान आदि भाग पानी और बिजली और लोहा पान समूहोंको युक्त कर चलाइये” । लगानी वह दुखानी जहाज बनाम-- "हे कारीगरो ! जो आप लोगोंका
| स्वामीजीने रेल जहाज़ तार बरकी यानममह अर्थात् अनेक विधि समा- बिनान आदि का चस्मना अनि जन री हैं उनको समुद्रों के तराने वाले में और बिजली प्रादिकसे सुन लिया था यान रोकने और बहुत अन्नके घाह इम कारण इतने ही शब्द वह वेदोंके ग्रहणार्थ लोहे का साधन प्रकाशमान अर्थों में ला सके परन्तु शोक इम बाबिजली अग्न्यादि और जालादि को तका रहगया कि कस्नों की विद्याको श्राप युक्त कीजिय--"
स्वामी जी कुल भी नहीं जानते थे यहां इम भूक्तसे विदित होता है कि जिम तक कि उनको यह भी मालूम नहीं समय यह मुक्त बनाया उन समय प्रा- था कि किस २ कल में क्या २ पर्जे हैं काशमें चलने वाले विमान और स-और उन के क्या २ नाम हैं ? नहीं मुद्र में चलने वाले महागके बनाने वाले | तो कछ न कुछ कस्न पनों का निमौजद थे । परन्तु ऐसे विद्वान् का- | कर भी बंदों
| कर भी वेदों में जरूर मिलता और रीगर अर्थात् बड़े इन्जिनियर किप्त | उप ममप शायद कुछ मिलसिला भी महान् कालिजमें कलों । विद्या को ठीकटमाता परन्तु प्रव्य तो रेलतार पढ़े यह मालूम नहीं होता है। हम
और विमान प्रादिकका ज़िकर पाने सूक्तका यह मन पढन्त प्रधं तो कर मे उनका माग कथन ही मंठा हो दिया परन्तु स्वामी माने यह न बि- | गया और वेद ही ईश्वर के वाक्य न रहे चारी कि हममे हमारा मारा होक- स्वामी जी ने प्राग और पानी मे थन अमत्य होजावेगा क्योंकि आबकि ! सवारी चन्नाने अर्थात् रेस्न बनाने का वंदों में करलोके बनाने की विद्या नहीं वर्णन और भी कई यार वेदों में दिबताई गई है और न विमान और खाया है परंतु उपरीक्त हाब्दों के सिवाय जहान के कल पर्जे वताये गये हैं तो और विशेष बात नहीं लिख मके हैंयह सहज ही में सिद्ध हो जावेगा कि ऋग्वेदके प्रथम मण्डल के ८७ मतकी यह सब विद्या मनुष्योंने विना वदों, ऋचा २ के अर्थ में यह लिखते हैंके ही सीखी और वेद सप्टिको प्रादि | "जो तुम्हारे रथ मे के समान अमें नहीं बने बरन वेद उस समय बने | काशमें घनते हैं उन में मघर और |