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ARMANMA
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मार्यमतलीला ॥ ऋग्वेद सप्तम मंडल सूक्त ४ १ दिया करो।
हे विद्वानो जिस स्थिर धनुष बाले ऋग्वेद प्रयम मंडल सूक्त ५१ १०१ । शीघ्र जाने वाले शख अखों वाले तथा
म....जोंको बिअपनी ही बस्तु और अपनी धार्मिक
दारण करने वाले राजाको बाखियोंसे क्रिया को धारण करने वाले शत्रुओं से न सहे जाते हुए शत्रुओं के महने को
हर्षित करो उस धनके देने वाले वि-1. ममर्थ तीन मायुध शख युक्त मेधावी
द्वानका सत्कार करो--, शत्रों को सलाने वाले शरवीर न्याय | ऋग्वद प्रथम मंडल सूक्त ५२ ऋ० २.१० की कामना करते हुए विद्वान केलिये “हे राज प्रजा जन जैसे.....वैसे को इम वासियों को धारण करो वह हम तू शत्रुओं को मार असंख्यात रक्षा कलोगों की इन वाशियों को सुनो। रने हारे वनों में बार २ हर्षको प्राप्त ऋग्वेद छठा मंडल सूक्त ११ ऋ०६ ।
महल सूक १९ ३२६ करता हुमा अनादि के माय बर्तमान हे शनेक सेनानों से युक्त दान करने वाले बलवान के सन्तान प्राप"हम |
| बराबर बढ़ता रह " " अानन्दकारी लोगों के लिये धनों को देते हैं
| व्यवहार में वर्तमान शत्रु का शिर काऋग्वेद छठा मंडल सूक्त ६८ २८
टते हैं सो पाप हम लोगोंका पालन हे सूर्य और चन्द्रमा के तुल्य वर्त- कीजिये । " मान हम लोगोंको प्रशंसा करने और | ऋग्वेद सप्तम मंडल सूक्त १८ ऋ०१-२ देनेवाले राज प्रजा जनी ! जैसे तुम दोनों | "हे राजन श्रापके होते जो हमारे उत्तम यश होने के लिये धन का संव-ऋतुओं के समान पालना करने वाले
सेमे बने अलको प्रमाक और स्तति कर्ताजन समस्त प्रशंमा क. रते हुए हम लोग नाव जालोंको मे | रने योग्य पदार्थों की याचना करते हैं वैसे दख से उल्लंघन करने योग्य कष्टों | आपके होते मुन्दर कामना परने वाली को शीघ्र तरें---
गौये हैं उनकी मांगते हैं प्राप ही के ऋग्वेद प्रथम मंडल सूक्त ४२ ऋ० १० होते जो बड़े २ घोडे हैं उनको मांगते हे मनष्य लोगो जेसे हम लोग (सत्तः) | हैं जो पाप कामना करने वाले के लिये वेदोक्त स्तोत्रों से सभा और सेनाध्यक्षा प्रतीव पदार्थों को अलग करने वाले को गुण गान पूर्वक स्तुति करते हैं शत्रु होते हुए पन देते हैं सो आप सबको को मारते हैं उत्तम बस्तनों को याच- सेवा करने योग्य हैं-, ना करते हैं और आपसमें द्वेष कभी " हे ऐश्वर्यवान विद्वान जो नाप उ-1 नहीं करते थैमे तुम भी किया करो। त्पन्न हुई प्रजात्रोंसे जैसे राजा वैसे ऐन
ऋग्वेद प्रथम मंडल सूक्क ४६ ऋ०६ और घोडोंसे धनके लिये तुम्हारी काहे ममा सेनाध्यक्षो हमको प्रमादि मना करते हुए हम लोगोंको तेज बद्धि