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आर्यमतलीला ॥ |ठियों के पाम के भाग से युक्त स्वष्टा के और अंग से और अंगमें सुपेदी के देषता वाले पशु वा पूंछ के निमित्त चिन्ह और जिसके सबोरसे अगले मुफेद रंग बाला वायु जिसका देवता है गोड़ों में सुपदी के चिन्ह है ऐसे जो वाह वा जो कामाट्टीपम समय के बि- पशु हैं ये एहस्पति देवता बाले तथा ना वैल के समीप जाने से गर्भ मष्ट क- | जो सब अंगोंसे अच्छी छिटकी हुई सी रने वाली गौ वा धिष्ण देवता वाला जिस के छोटे २ रंग बिरंग घोंटें और
और नाटा शरीर से कुछ टेड अंग- जिस के मोटे २ छींटे है वे सब प्राण वाला पशु इन मभों को जिस के सु- | और उदान देवता वाले होते हैं यह | न्दर २ कर्म उस ऐश्वर्य युक्त पुरुष के जानना चाहिये--, लिये संयुक्त करो अर्थात् उक्त प्रत्यक
ऋचा ३ अंगो मानंद मिमित्तक उक्त गुणा याल “हे मनुष्यो ! तुम को जो जिस के पशुओं को नियत करो। । शुद्ध वाम वा शुद्ध छोटे छोटे अंग जि
(नोट) कृपाकर हमारे प्रार्य भाई - सके समस्त शुद्ध बाल और जिसके म. सावें कि शरीरके पृथक २ अवयव जैसे | पिके समान चिलकते हुए बाल हैं ऐसे ललाट, टाढ़ी, भुजा, तुदी परों की ग- | जो पशु धे सध सूर्य चन्द्र देवसा वाले ठियां, आदिक यो निमित्त पृथक पथक अर्थात् सूर्य्य चन्द्रमा के समान दिथ्य पश पक्षी पयां धर्शन किये गये हैं- गुणा वाले जो सुपेद रंग युक्त जिसकी ऋचा २
मुपेद प्राखें और जो नाला रंग थाना हे मनष्यो तुपको जो सामान्य लाल है व पशों की रक्षा करने और दुष्टों धमेला लाल और पके वेर के मभान | को सनाने हारे लिये जा ऐसे है कि लाल पशु हैं घे माम देवता अर्थात् जिनसे काम करते हैं व धाय देवता सोम गुरु वाले जो न्योना के समान | वाले जिनके उन्नति युक्त अंग अर्थात् धुमेना लालामी लिये हुए न्योले के स्थान शरीर हैं वे प्राण घायु आदि देसमान रंग वाना और शगा की स-धता वाले तथा जिनका आकाशके म. मता को लिये हुए के ममान रंग यक्त मान नीलारुप है ऐसे जो पश हैं ये पशु हैं वे सब वरुण देवता वाले प्र.. सब मेघ देवता वाले जानने चाहिये।, चात् श्रेष्ठ जो शिति रम्घ्र अर्थात् जिम
चा४॥ के मर्म स्थान प्रादि में सुपदी जो और "हे मनष्पो ! जो पछने योग्य जिअंग में छेद से ही पे जिमके जहां समा सिरहा स्पर्श और जिसका जंचा तहां सुपेदी सौर जिमके पय ओर से | षा उराम स्पर्ण है वे वायु देयता वाले छदों के समान सुपेदी के चिन्ह हैं वे जो फलों को प्राप्त हों जिनकी लाल कर्ण सब सविता देवता वाले जिम के प्र.अर्थात् देह के बाल और जिम की च गले भजाओं में सुपेदी के चिन्ह जिन चल चपन प्रांखें ऐसे जो पशु हैं वे स.