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भार्यमतलीला ॥
( ८७ ) | यजर्वेद २३ वां अध्याय श्राचा २३ । कर अपने विद्वान पयिहतों से पूछ कर
हे यमके समान पाचरण करने हारे हमको बतायें कि इस २४ वें अध्याय | राजा तू हम लोगों के प्रति झूठ मत के मजमूनका क्या प्राशय है ? क्या सोम बोलो और बहुत गप्प सप्प बकते हुए पीकर भंगको तरंगमें बंद के गीत बनामनुष्य के मुख के समान तेरा मुख मत |ने वालों में से किमीने यह बरह हांकी हो यदि हम प्रकार जो यह राजा ग-है ? वा वास्तव में परमेश्वरने बंदके द्वापमध्य करेगा तोनिर्बल पखेतके स-रा शार्य भाइयों को कोई अद्भत शिक्षा मान भलीभांति उजिवन जैसे हो इम | दी है जिमको कोई दूसरा नहीं समझ प्रकार ठगा जायगा।"
| सकता है और हमारे प्रार्य भाई उन पनवेद २३ वा अध्याय ऋ०३८ देवताओं का पूजन करते हैं या नहीं "हे मित्र ! बहुत विज्ञान युक तू हम जिन का वर्णन इप अध्याय में पाया व्यवहार में इन मनुष्यों से जो बहुत है और इन देवताओं का पशु पक्षियों से जी आदि अनाज के ममूह को भर | से पा सम्बन्ध है ? और कौन कौन श्रादि से पृथक कर और क्रम मे छरन | पशु पक्षी किस २ देवताके निमित्त हैं ? करते हैं उन के और जो जल या अन्न | यजाद अध्याय २४ ऋचा १ सम्बन्धी बधनको कहकर मत्कार क-| "हे मनुष्यो तुम ! जो शीघ्र चलनेहारा रते हैं उनके भोजनोंको करो।" | घोडा हिंसा करने वाला पशु और गौके आर्यमत लीला।
समान बर्तमाम नीलगाय है वे प्रजा पा
लक सूर्य देवता वाले अर्थात सूर्य मंडलके (१४)
गुणों से युक्त जिमषी काली गर्दन वह इससे पूर्वके लेखमें जो ऋचाएं यज- पशु अग्नि देवतावाला प्रथमसे लला. बंदकी हममे स्वामी दयानन्द के भाष्य ट के मिमित्त मेढी सरस्वती देवता के अनुमार लिखी हैं उनसे हमारे पा- | वाली नीचे से ठोढ़ी वाम दक्षिण भाठक भलीभांति समझ जायेंगे कि भेट गों के और भुजाओं के निमित्त नीचे बकरियों के चराने वाले गंवार लोगों | रमण करने वाले जिन का अश्वदेवता के गीत यजर्वेद में भी इस ही प्रकार | वे पशु सोम और पूषा देवता वाला
जिस प्रकार माग्वेदमें है-इस प्रकार काले रंग से युक्त पशु तन्दो के निमिनमूना दिखाकर अब हम सबसे पहले त और बांई दाहनी ओर के नियम गजर्वेदके २४ अध्यायको स्वामी द- सुफेद रंग और काला रंग वामा और यामन्द जी के भाष्य के हिन्दी अर्थों के सूर्य वा यम सम्बन्धी पशु वा पैरोंकी अनमार दिखाते हैं और अपने प्रार्य | गांठियों के पास के भागों के निमित्त भाइयोंसे प्रार्थना करते है कि वह कृपा | जिसके बहुन रोम विद्यमान ऐसे गां