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मार्यमतलीला॥ ऋचा
| बोटी २ बखिया हैं वे वाली देवता "हे मनुष्यो ! तुमको जो काले गलेके वाली जो काले वर्ण के पुष्टि हैं वे अग्निदेवता वाले जो न्योले के रने हारे मेप देवता घाले नो पक्षने रंग के समान रंग वाले हैं वे सोमदेव- योग्य हैं वे मनुष्य देवता वाले नो बहु ता वाले जो सुपेद हैं वे वायु देवता रूपी अर्थात् जिनके अनेक सूप में बाले जी विशेष चिन्ह से कुछ न जाने समस्त विद्वान् देवता वाले और जो गये जो कभी नाश नहीं होती उस | निरन्तर चिलकते हुए, वे भाकाश उत्पत्ति रूप क्रिया के लिये जो ऐसे हैं पृथिवी देवता वाले जानने चाहिये। कि जिनका एकसा रूप है धे धारण
सचा १५ करने हारे पवन के लिये और जो छो- "हे मनप्यो ! तमको ये कहे हुए जो टी २ बहिया है व सूय भादि लोकों अच्छे प्रकार चलने हारे पशु श्रादि हैं। की पालना करने वाली क्रियाओं के वे इन्द्र और अग्नि देवता वाले जो | जानने चाहिये।
खींचने वा जोतने हारे हैं वे वरुण दे. (नोट) माश्चर्य है कि छोटी २ बहि-वता वाले और जो चित्र विचित्र चिन्ह या सूर्य लोक में क्या काम देसक्ती हैं। युक्त मनष्य कैसे स्वभाव वाले हिंसक और सूर्य लोक का उपकार उनसे किस प्रजापति देवता वाले हैं यह जा. बिभि से लेना चाहिये ?॥ नना चाहिये।
ऋचा १७ "हे मनुष्यो ! तुमको जो काले रंग के "मनष्यो!तमको जो ये बायु और बिचा खत धादि क जतान वाल एवजली देवता वाले वा जिन के उत्तम भमि देवता वाले जो धमेले हैं वे अ-जाँग हैं वे महेन्द्र देवता वाले बा तरिक्ष देवता वाले जो दिव्य गुण कर्म | बहुत रंग युक्त विश्व कर्म देवता वाले स्वभाव युक्त बढ़ते हुए और थोड़े सु-जिनमें पच्छ प्रकार प्राते जाते हैं वे मार्ग पेद हैं वे बिजली देवताक्षले और जो निरूपण किये उनमें जाना प्रामा पामंगल करानेहारे हैं वे दुल के पार उ. |हिये । " अाचा १९ तारने वाले बानने चाहिये।" "हे मनुष्यो ! तुम जो ये सुनासीर
देवता वाले अर्थात खेतीकी सिद्धि क-1 मनष्यो ! तुम को जो काले गलेरने वाले माने जाने हारे पवन के स--- बाले हैं वे अग्नि देवता वाले जो सब मान दिव्य गल युक्त अपेद रंग वाले का धारक पोषर करने वाले है वेवा सर्यके समान प्रकाशमान पुणेद रंग सोम देवता वाले जो नीचे के समीप केश को उन को अपने कार्यों में गिरे हुए हैं वे सविता देवता वाले जो 'अच्छे प्रकार निरन्तर नियुक्त कर । -1