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भार्यमतलीला।
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वाले करो । जो विद्वान कविताई क-1 के लिये विज्ञानका जिसमें रूप विद्यरनेमें चतुर होते हुए रुपसे वाणियों मान उम उत्तम बुद्धको भिकरीको तीक्ष्ण करो दिनोंसे ही सब ओर | “हे मरण धर्मा मनुष्यो ! जो रक्षा और से निरन्तर निवास करते हो उन्ही | सुन्दर बुद्धि प्रेरणा प्रों में तुम लोगोंकी प्रापको हम लोग निरन्तर उत्साहित मनोहरके समान प्रशंसा करें या जिस
से अच्छे प्रकार की सिद्धिको प्रतीब पार ऋग्वेद दूसरा मंडल सूक्त १९ ऋ पहुंचानी और अपराधको निवृत्त करो
" हे विद्वान आप हमारे लिये प्र- | वा जिमसे निन्दानोंको मोचो अर्थात् भायको मत नष्ट करो और जो आपकोदो वह घोडों को प्राप्त होने वाली की ऐश्वर्यवती दक्षिणा दानकी स्तुति कोई क्रिया बन्दना करने वालेको प्रा-1 करने वाले के उत्तम पदार्थको पूर्ण करे त हो।" वाह जसे हम लोगों के लिये प्राप्त हो! ऋग्वंद चौथा मंडल सूक्त ३२ ऋ०१८-१० वैसे इम को विद्या की कामना करने "हे धन के ईश ! पाप का धन हम वालो के लिये मिखाइये जिममे उत्तम नोगों में प्राप्त हो और पाप की गौके बीरों वाले हम लोग निश्च से मंग्राम हमारों और सकड़ों समूहको हम लोग
प्राप्त कराते हैं.., | ऋग्वद दूमरा मंडल मुक्त २० ऋ० १ . “हे शत्रुत्रों के नाश करने वाले ! जिम " हे विद्वान् जमे मैं महीनं के तुल्य रा- मे अप बहनों के देने वाले हो इसमें जपषों के लिये जिन इन प्रत्यक्ष छत पाप के सुवर्ण के बने हुए घटों के दश को शुद्ध कराने वाली शुद्ध की हुई मत्य मरुया युक्त समूह को हम लोग प्राप्त वाणियांका जिव्हारूप माधनमे होम | होवे--" करता अर्थात् निवेदन करता हूं उन, ऋग्वेद पंच मंगुल मूक्त ६ ऋचा . हमारी वाणियोंको यह मित्र बा मे-! हे विदन...स्तति करने बालोंके लिये वने योग्य बलादि गणोंसे प्रसिद्ध श्रेष्ठ अन्नको अच्छे प्रकार धारण कीजिये.” चतुर दुष्टोंके सम्यक विनाशक पाया- ऋग्वेद पंचम मंदन मक्त १० ऋ० १ धीश प्राप मदेव सुनिये-”
"हे दाता...तथा स्तति करने वालो! ऋग्वंद दूसरा मंडल मुक्त ३४ ऋ०६-१५ | और स्तुति करने वाले के लिये हम
" हे क्रोध से युक्त मनप्यो : तुम हम लोगों को धारण कीजिये और संग्रामों में ! स्नोगों के लिये धनोंको सिद्ध करी घो- वृद्धि के लिये हम लोगों को प्राप्त हूजिये-, होके सम न रात्रि में बागी को प्राप्त ऋग्वेद पंचम मंडल सूक्त ३६ ऋ. १ होमो मनुष्योंकी जैसे स्तुति वैसे ऐश्व- "हे मनुष्यो जो दाता द्रव्योंके देनेको ग्यौंको प्राप्त हो ग्नत कने वाले मानता और धनोंकी देने कालियोंको