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आप्तवाणी-२
ये जो मोही लड़कियाँ हैं न आज की, तो उन्हें देखकर लोगों को ऐसा लगता है कि ये लड़कियाँ मोही हैं, मूर्छित हैं, लेकिन उनकी कोख से बच्चे अच्छे पैदा होनेवाले हैं।
प्रश्नकर्ता : उसका क्या कारण है, दादा?
दादाश्री : वह तिरस्कारवाला भाग चला गया न, डाउन हो गया है न, इसलिए अब तिरस्कार भाग उत्पन्न नहीं होगा। तिरस्कार गया कि नॉर्मल में आ गए। सुधरे हुए तो थे ही। लेकिन तिरस्कार के कारण लोग बिल्कुल खत्म हो गए थे। यूज़लेस हो गए थे। तिरस्कार गया कि अपनी नॉर्मेलिटी आ गई, ऑल राइट हो गए।
बुद्धि का उपयोग इन लोगों ने तिरस्कार और प्रपंच करने में ही किया। बुद्धि का दुरुपयोग किया, ज्ञान तो था नहीं, सिर्फ बुद्धि थी। उस बुद्धि का दुरुपयोग किया। बुद्धि क्यों बढ़ी? क्योंकि महावीर ब्रेन टॉनिक पीया था और कृष्ण ब्रेन टॉनिक पीया था। जीवजंतुओं को नहीं मारे और अन्य किसी को नहीं मारे तो फिर बुद्धि बढ़ जाती है। फिर जीवजंतुओं को एक ओर रखकर मनुष्यों पर अटैक करने लगे!
बुध
अब हिन्दुस्तान तो बहुत अच्छी दशा की ओर जा रहा है। यह संस्कृति का प्रलयकाल है। कौन सी संस्कृति? आदर्श संस्कृति? ना। विकृत संस्कृति का प्रलयकाल है। अपनी संस्कृति में संस्कृत भाषा थी, वह यदि बहुत लो हो जाए, नीचे उतर जाए, तो बहुत हुआ तो प्राकृत तक चला सकते हैं, लेकिन विकृत हो जाए तो नहीं चला सकते। इसमें फायदा क्या हुआ? कि ऐसे-वैसे जो विकृत संस्कार थे न, वे वॉश आउट (खत्म) हो गए। और अब नये सिरे से नई बात! नई चीज़ और सबकुछ नया ही चलेगा और अलग ही प्रकार की ग़ज़ब की, जैसी भगवान महावीर के समय में थी वैसी शांति बरतेगी! और आज के ये बाल बढ़ानेवाले पागल, ये ही अक्लमंद कहलाएँगे। जिन्हें घनचक्कर कहा जाता है, वे ही समझदार बनकर घूमेंगे और बाल कटवानेवाले तो मेन्टल हॉस्पिटल के लोग! उन्होंने दो भाग अलग कर दिए। मेन्टल हॉस्पिटलवाला कौन सा भाग और मेन्टल