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आप्तवाणी-२
चलोगे, फिर भी आपका कोई नाम देनेवाला नहीं है और खुली आँखों से चलोगे और यहाँ पैर के नीचे आ गया होगा तो मरने के लिए आकर भी नहीं मरेगा, आपसे कुचल गया होगा, फिर भी मरेगा नहीं और हिंसकभाववाले के हाथों वह मरेगा। इतना अधिक गहन साइन्स है। टाइमिंग के बिना कुछ भी नहीं हो सकता ऐसा इस जगत् में है। कभी न कभी तो यह सही बात समझनी ही पड़ेगी न!