Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 212] [ ज्ञाताधर्मकथा तोर्थकरों की परम्परा के अनुसार वार्षिक दान देने के पश्चात् मल्ली कुमारी ने जिन-प्रवज्या अंगीकार कर ली। जिस दिन दीक्षा अंगीकार की उसी दिन उन्हें केवलज्ञान-दर्शन की प्राप्ति हो गई। तत्पश्चात् जितशत्रु आदि छहों राजानों ने भी दीक्षा अंगीकार कर ली। अन्त में मुक्ति प्राप्त की। भगवती मल्ली तीर्थकरी ने भी चैत्र शुक्ला चतुर्थी के दिन निर्वाण प्राप्त किया। प्रस्तुत अध्ययन खूब विस्तृत है / इसमें अनेक ज्ञातव्य विषयों का निरूपण किया गया है। उन्हें जानने के लिए पूरे अध्ययन का वाचन करना आवश्यक है / यहाँ अतिसंक्षेप में ही सार मात्र दिया गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org