________________ चउत्थं अज्झयग [चतुर्थ अध्ययन विज्ज-विद्युत् ४२–एवं विज्जू वि / आमलकप्पा नयरी। विज्जू गाहावाई / विज्जूसिरी भारिया / विज्जू दारिया / सेसं तहेव। इसी प्रकार विद्युत देवी का कथानक समझना चाहिए / विशेष यह कि प्रामलकल्पा नगरी थी। उसमें विद्युत नामक गाथापति निवास करता था। उसकी पत्नी विद्युतश्री थी। विद्युत् नामक उसकी पुत्री थी / शेष समग्र कथा पूर्ववत् / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org