Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ परिशिष्ट 2 [ 571 494 413 421 426 254 8 340 547 549 427 xnnow w o x x x 6 oo six 542 542 440 540 चन्द्रश्री चिलाय (त) चलनी चोक्षा जम्बू जरासिन्धु जलकान्त जलप्रभ जितशत्रु जितशत्रु (चंपानृप) जिनदत्त जिनदत्तपुत्र जिनपालित जिनरक्षित ज भक ज्योतिस्नाभ तेतलिपुत्र दमघोष दमदन्त दर्दुरदेव दारुक देवदत्त देवदत्ता द्रपद द्रौपदी धन धनगोप धनदेव धनपाल धनरक्षित धन्य धर धरण धर्म धर्मघोष धर्मरुचि ر ل धारिणी धृष्टद्युम्न नकुल नन्द नन्दादेवी नवमिका नागश्री निरंभा निसुभा पद्मनाभ पद्मा पद्मावती पाण्डु पाण्डुसेन पाव पुण्डरीक पुष्पचूला पुष्पवती पूर्ण पूर्णा पोट्टिला पंथक (दासचेट) पंथक (मुनि) प्रतिबुद्धि प्रद्युम्न प्रभंकरा प्रभंजन बन्धुमती बल बलदेव बलभद्र बली बहुपुत्रिका बहुरूपा भद्रा भद्रा wy w man my 553 358 426 Ancxxcccc 426 338 545 549 358 109 or m 221 494 197 552 or 197 279 197 197 108 427 545 214 273 549 549 129 395 108 197 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660