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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
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पुव्वहो पूर्वाह्न - संयुक्त रेफ का लोप, व को द्विश्व, हू के स्थान में अवरहो < अपराह्न - अप के स्थान पर अब और द्व के स्थान में ह । ( १६६ ) संयुक्त श्म, ष्म, स्म और ह्म के स्थान में म्ह आदेश होता । उदाहरण
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कम्हारो काश्मीर:- श्म के स्थान पर म्ह आदेश ओर ईकार का आकार । पम्हाइ पक्ष्म - क्ष्मन् में से संयुक्त क् का लोप और स्म के स्थान पर म्ह | कुम्हाणो कुश्मान: श्म के स्थान पर म्ह और न को स्त्र ।
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कम्हारा कश्मीरा :- श्म के स्थान पर म्ह और ईकार के स्थान पर आकार । गिम्हो ग्रीष्मः -ष्म के स्थान पर म्ह और विसर्ग को ओव । उम्हा ऊष्मदा - ऊकार को उ और ष्म के स्थान पर म्ह ।
अम्हारिसो< अस्मादृशः - स्म के स्थान पर म्ह और दृश: के स्थान पर रिसो । विम्हओ - विस्मय:- स्म के स्थान पर म्ह और म लोप, अ स्वर शेष और ओत् ।
बम्हा < ब्रह्मा- -संयुक्त रेफ का लोप, ह्म के स्थान पर म्ह आदेश ।
सुम्हा सुह्मा -ह्म के स्थान में म्ह आदेश ।
भो, म्हणो ब्राह्मणः
विकल्पाभाव में बंभ होता है ।
संयुक्त रेफ का लोप, ह्म के स्थान में म्ह और
बंभचेरं, बम्हचेरं ब्रह्मचर्यम् -ह्म के स्थान पर म्ह तथा चर्यम् का चेरं । रस्सी रश्मिः - उक्त नियम लागू न होने से म लोप और स को द्वित्व | सरो स्मरः - उक्त नियम लागू न होने से म लोप ।
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( १६७ ) संयुक्त हा के स्थान पर झ आदेश होता है । यथा
समोसा - ह्य के स्थान पर झ ।
ममं मह्यम्
गुज्भं गुह्यम्—
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१. पक्ष्म-श्म-म-स्म ह्मां म्हः ८|२|७४. हे० ।
२. ह्ये ह्योः ८।२।१२४. हे० ।
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( १६८ ) संयुक्त के स्थान में ल्ह आदेश होता है । जैसे
कल्हारं कहारम् - संयुक्त ह्ल के स्थान में ल्ह आदेश । पल्हाओ प्रह्लादः – संयुक्त रेफ का लोप, ह्ल के स्थान में ल्ह अ स्वर शेष तथा ओत्व ।
३. हो ल्हः ८२७६. दे० ।
और द का लोप