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धातुकोष
प्राकृत में उपसर्ग के साथ मिलने से धातु में अर्थ परिवर्तन तो होता ही है, पर उसकी आकृति भी नयी हो जाती है । उपसर्ग या उपपद सहित धातु का मूलरूप ( Root ) नया प्रतीत होता है । अत: सुविधा की दृष्टि से उपसर्ग सहित धातुकोष दिया जा रहा है ।
अइइ
अइक्कम
अइगच्छ
अइच्छ
अट्ठा
अइयर
अश्वत्त
अश्वय
अइसय
अंगीकर
अंच
अंबाड
अकंद
अक्कम
अक्कस
अक्कोस
अक्ख
अक्खड
aftaa
अक्खोड
अति + इ
अति + क्रम्
अति + गम्
√ गम्
अति + स्था
अति चर्
अति + √वृत्
अति +
अति + शी
अङ्गी + क
कृषू, अञ्च
खरण्ट्; तिरस् +
आ + कम्
√ गम्
अ
आ + √क्रुश्
आ + √ख्या
मात करना
स्वीकार करना
खींचना, जोतना; पूजना लेप
देना, तिरस्कार करना
आ+ √क्रन्द्; आ + √क्रम् रोना, चिल्लाना; आक्रमण करना
आक्रमण करना
आ + √स्कन्दू आ+क्षिप्
उल्लंघन करना
अतिक्रमण या उल्लंघन करना
वीतना
कृष; आस्फोट
जाना, गमन करना उल्लंघन करना
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"
अतिक्रमण करना
उल्लंघन करना
करना; खरादना; उपालम्भ
जाना
आक्रोश करना,
कहना, बोलना
गाली देना
आक्रमण करना
आक्षेप करना, टीका करना, दोषारोपण करना
फेंकना,
म्यान से तलवार खींचना; थोड़ा या
एक बार झटकना