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अभिनव प्राकृत व्याकरण
भूतकाल
भूतकाल के सभी पुरुष और सभी वचनों में गच्छाविलु रूप होता है ।
विधि
एकवचन
प्र० पु० गच्छावेज, गच्छावेजा
गच्छाविज, गच्छाविजा
म० पु० गच्छावेज, गच्छाविज्ज
गच्छावेजा, गच्छाविजा गच्छावेजसि
उ० पु० गच्छावेज, गच्छा विज्ज गच्छावेजा, गच्छाविजा गच्छावेजा मि
एकवचन गच्छावेउ
प्र० पु० म० पु० गच्छावेहि उ० पु० गच्छावेमि
घातु
एकवचन
अस्थि
अच्छ
अण
आ + अण
आज्ञा
बहुवचन गच्छावेज, गच्छा विज्ज
गच्छावेजा, गच्छाविजा
गच्छावेज, गच्छाविज्ज
गच्छावेजा, गच्छाविज्जा
गच्छावेजाह
गच्छवि, गच्छावेज गच्छाविजा, गच्छावेजा जामो
बहुवचन गच्छन्तुि गच्छावेन्तु
गच्छावेह
गच्छावेमो
अस-सत्ता
वर्तमान
सि
असि, मि
आज्ञा में सभी पुरुष और सभी वचनों में अत्थु और भूतकाल में प्रथम पुरुष और मध्यम पुरुष के सभी वचनों में आसि और आसी तथा उत्तम पुरुष के एक वचन
में आसि, आसी और बहुवचन में आसिमो रूप बनते हैं ।
अर्थ
बैठना
अच्छ
जानना, आवाज करना अणइ
उच्छ्वास ग्रहण करना आणमह
बहुवचन
सन्ति
ह
मो
कुछ धातुरूपों का संकेत
कर्त्तरिरूप
४३५
कर्मणि
अनिइ
अणिजइ
आणमिज्जइ
प्रेरणा
अच्छाइ
आणावे
आणावेइ