Book Title: Abhinav Prakrit Vyakaran
Author(s): N C Shastri
Publisher: Tara Publications

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Page 547
________________ परिशिष्ट ७ लज्जालुआ २६७ लजिरो २६५ विउल, विउलअर, विउलअम २६२ विउस, विउसअर, विउसअम २६२ विज्जुला, विज्जू २६० वियारुल्लो २५७ वुडढ, जायस, जेट्ट २६२ सणि २६० सद्दालो . २५७ सयहुत्तं २९६ सव्वत्तो, सव्वदो, सव्वओ २५७ सव्वंगिओ सव्वया सहस्सहुत्तं २५६ सिरिमंतो २६७ सोहामणो सोहिल्लो २५७ हणुमंतो २९७ हत्थुल्लो, हत्थो २६८ हलु, हलुअर, हलुअम २६१ हसिरो २५६ हिअयअं, हिअयं २५८ हेडिल्लं, हेडिल्ली २६६ . परिशिष्ट ७ यङन्त, यङ्लुगन्त और नामधातु प्रयोगानुक्रमणिका अच्छारए, चंकमा ३१२ मेहाअइ, मेहाइ ३१४ अच्छाराआए ३१३ चंकमणं ३१२ रायाअए, रायाए ३१४ अत्याअइ, अत्थाइ ३१३ चवलाअइ, चवलाइ ३१४ लालप्पइ, लालप्पए ३१२ अमराअइ, अमराइ ३१३ जसकामाअई. लोहिआअइ, अलसाअइ, अलसाइ३१३ जसकामाइ ३१४ लोहिआए ३१३ असनाअइ, असनाइ ३१४ जाजाअइ, जाजाअए३१२ वरीवञ्चइ, वरीवच्चए ३१२ अस्साअइ, अस्साइ ३१३ तगुआअइ, तणुआइ३१३ तमाअइ, तमाइ ३१३ उअआअइ, उअआइ३१३ वाआअइ, वाआइ ३१४ थरथरेइ उम्मणाअए, वास्फाअइ,वाफ्फाइ३१४ ३१३ उम्मणाए ३१३ दमदमाअइ, दमदमा३३१३ वराअइ, वेराइ ३१४ ऊम्हाअइ, उम्हाइ ३१३ दुम्माअइ, दुम्माइ ३१४ सद्दाअइ, सदाइ ३१३ कट्टाअए, कट्टाए ३१३ धणाअइ, धणाइ ३१३ सपन्नाअइ,सपन्नाइ ३१३ करुणाअइ, करुणाई ३१४ धूमाअइ, धूमाइ ३१३ सासकइ, सासकए ३१२ कलहाअइ, कलहाइ ३१४ नमाअइ, नमाइ ३१४ सीदलाअइ,सीदलाइ३१३ कुरुकुराअइ,कुरुकुराइ३१४ पुत्तकामाअइ, सुहाअइ, सुहाइ ३१३ खीराअइ, खीराइ ३१४ पुत्तकामाइ ३१४ ।। संझाअइ, संझाइ ३१३ गव्वाअइ, गब्वाइ ३१३ पुत्तीअइ, पुत्तीइ ३१३ हरिआअइ, हरीअइ ३१४ गुरुआअइ, गुरुआइ ३१३ पेवीअइ, पेवीअए ३१२ हंसाअए, हंसाए ३१३

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