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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
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विज्ञातः
ज्ञ के स्थान पर पालि के समान च ।
सर्वज्ञ:
विजातो सव्वजो कमा कच्चं दातून घेत्तून हितअकं
कन्या कार्यम् दत्त्वा गृहीत्वा
न्य के स्थान पर न । र्य के स्थान पर च। क्त्वा के स्थान पर तून ।
हृदयकम्
हृदयक के स्थान पर हितअकं आदेश ।