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दे०,
आअड्ड आअर
आअव्व
आइ
आइग्घ आइस आईव आउंच आउच्छ आउट्ट
आउड, आउड्ड
आउस
अभिनव प्राकृत-व्याकरण. - व्या + VY
परवश होकर चलना; काम में लगना आ + VE
आदर करना Vवेप
कांपना आ+दा
ग्रहण करना, लेना आ+ Vघा
सूंघना आ+दिश् आदेश करना, आज्ञा देना आ + Vढीप
चमकना आ + कुञ्चय संकुचित करना, समेटना आ + प्रच्छ आज्ञा लेना, अनुज्ञा लेना आ + Vवृत् , आ +/कुट व्यवस्था करना, छेदन करना,
हिसा करना आ + जोडय् , +कुट , लिख , मस्ज् जोड़ना; कूटना; लिखना; डूबना आ + Vवस् , + क्रुश , रहना; शाप देना; स्पर्श करना; +मृश् , + Vजुष् सेवन करना आ + पूरय
भरना, पूर्ति करना प्रा+खोटय्
प्रवेश करना, घुसेड़ना आ + युध्
लड़ना आ + क्रन्दू
रोना, चिल्लाना आ + कम्प
कापना आ + आकुञ्चय संकोच करना आ + कलय जानना, लगाना आ + कारय् बुलाना, आह्वान करना आ + Vष
घर्षण करना आ+Vघस् घिसना आ + घूर्ण डोलना, हिलना आ + Vघोषय घोषणा करना आ + दह
चारों ओर जलाना
मिश्रण करना, मिलाना आ + Vटोपय्
आडंबर करना आ+रभ
आरम्भ करना आ+VE
आदर करना, मानना
आऊर आओड आओध आकंद आकंप आकुंच आगल आगार आघंस आघस आघुम्म आघोस आडह आडुआल आडोव आढव आढा