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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
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औकारान्त ग्लौ<गिलोअ शब्द एकवचन
बहुवचन प०-गिलोओ
गिलोआ वी०-गिलो
गिलोए, गिलोआ त०-गिलोएण, गिलोएणं गिलोएदि, गिलोएहि, गिलोएहिँ च०-गिलोअस्स, गिलोआय गिलोआण, गिलोआणं पं०-गिलोअत्तो, गिलोआओ, गिलोअत्तो, गिलोआओ, गिलोआउ,
गिलोआउ, गिलोआहि, गिलोआहि, गिलोएहि, गिलोआहितो,
गिलोआहिन्तो, गिलोआ गिलोआसुतो, गिलोएहितो, गिलो सुतो छ-गिलोअस्स
गिलोआण, गिलोआणं स.-गिलोअंसि, गिलोअम्मि गिलोएसु, गिलोएसं सं०-हे गिलोओ
हे गिलोआ स्वरान्त पुंल्लिङ्ग शब्दरूप समाप्त ।
स्वरान्त स्त्रीलिङ्ग ( ३० ) स्त्रीलिंग शब्दों से पर में आनेवाले जस् और शस् के स्थान में विकल्प से उत् और ओत आदेश होते हैं और उनसे पूर्व के ह्रस्व स्वर को विकल्प से दीर्घ हो जाता है।
(३१) स्त्रीलिङ्ग में टा, डस् और डि में प्रत्येक के स्थान में अत् , आत् , इत् और एत् ये चार आदेश होते हैं। पूर्व के ह्रस्व स्वर को दीर्घ हो जाता है। पर उस् प्रत्यय के स्थान में आदेश होनेपर पूर्व के हस्व स्वर को विकल्प से दीर्घ होता है।
( ३२ ) अम् विभक्ति में-द्वितीया एकवचन में अन्तिम दीर्घ को विकल्प से हस्व होता है।
(३३ ) स्त्रीलिङ्ग में वर्तमान दीर्घ ईकारान्त शब्द से पर में आनेवाले सु, जस् और शस् के स्थान में विकल्प से आ आदेश होता है ।
(३४ ) संबोधन में आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों में आ के स्थान पर एत्व होता है।
१. स्त्रियामुदोतौ वा ८।३।२७ हे० २. टा-ङस्-ङरदादि देद्वा तु ङसेः ८।३।२६ हे०