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अभिनव प्राकृत-व्याकरण वर्तमान कृदन्त नपुंसक लिङ्ग-हसन्त, हसमाण एकवचन
बहुवचन प०-हसन्तं
हसन्ताई, हसन्ताइँ, हसन्ताणि हसमाणं
हसमाणाई, हसमाणाइँ, हसमाणाणि वी०-हसन्तं
हसन्ताई, हसन्ताइँ, हसन्ताणि हसमाणं
हसमाणाई, हसमाणाई, हसमाणाणि अवशिष्ट रूप वण शब्द के समान होते हैं। इसी प्रकार वेवन्तं, वेवमाणं; धरन्तं, धरमाणं; सवन्तं, सवमाणं; महन्तं, महमाणं आदि शब्दों के रूप भी होते हैं।
वत्प्रत्ययान्त नपुंसकलिङ्ग
भगवन्तं ( भगवत् ) शब्द एकवचन
बहुवचन 'प०-भगवन्तं
भगवन्ताइँ, भगवन्ताई, भगवन्ताणि शेष रूप वण के समान होते हैं। . आउसो, आउ ( आउष् )
बहुवचन प०-आउसं
आउसाई, आउसाइँ, आउसाणि वी०-आउसं
आउसाई, आउसाइँ, आउसाणि शेष रूप वण शब्द के समान होते हैं ।
आउ एकवचन
बहुवचन प०-आउं
आउई, आऊइँ, आऊणि वी०-आउं
आउइं, आउइँ, माऊणि त०-आउणा
आऊहि-हिं-हि च०-आउणो, आउस्स
प्राऊण, आऊणं प०-आउणो, आउत्तो, आऊओ, आउत्तो, आऊओ, आऊउ, आऊहिन्तो,
आऊउ, आऊहिन्तो - आऊसुन्तो
एकवचन