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योग-शास्त्र १. ऐसे आरामदेह पासन से बैठे कि जिससे लम्बे समय तक बैठने
पर भी मन विचलित न हो। २. दोनों प्रोष्ठ मिले हुए हों। ३. दोनों नेत्र नासिका के अग्रभाग पर स्थापित हों। ४. दांत इस प्रकार रखे कि ऊपर के दांतों के साथ नीचे के
दांतों का स्पर्श न हो। ५. मुखमण्डल प्रसन्न हो। ६. पूर्व या उत्तर दिशा में मुख हो । ७. प्रमाद से रहित हो। ८. मेरुदंड को सीधा रखकर सुव्यवस्थित आकार से स्थित हो।
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