________________ भाषाटीकासहित मोहनीचरित्र। हरद्वारके समीप एक नगरमें एक अग्रवाल वैश्य लाल हजारीलाल नामक रहता था. उसकी स्त्रीका नाम मोहनी था. हजारी लालकी कपड़ेकी बहुत बड़ी दुकान थी, तगादा बहुत फैला रहता था. अपने चचेर भाई गुलजारीलालको अपनी सहायता करनेके लिये नौकर रख लियाथा. हजारीलाल अपने नौकर गुलजारीलालको अपने सगे छोटे भाईका समान मानतेथे. गुलजारीलाल रूपरंगमें बहुत सुन्दर था, और मोहनीभी बहुत रूपवती थी. कुछही दिन उपरान्त दोनोंमें प्रेम उत्पन्न होने लगा, परन्तु व्यभिचार करनेका समय नहीं मिलाता था; कारण यह कि गुलजारीलाल दुकानहीपर रहा करता था और हजारीलाल घरपर बैठे अपनी दूकानका हिसाब किताब लिखा करते थे, दिन भर पीछे संध्या. समय लालाहजारीलाल रोकडको अपने सामने समालतेथे और दिनभरकी विक्रीका कच्चा चिट्ठा जो गुलजारीलाल बनारखताथा, उसको लालाहजारीलाल घरपर ले .P.P.AC. Gunratnasuri M.S... Jun Gun Aaradhak Trust