________________ -..-: . -: स्त्रीचरित्र वह हमको भाते नहीं हैं किसी करीनेसे।। हम तो भाती नहीं ऐसी जिन्दगी सुन्सां। इलाही मौतमली बे शराबपनिसे // - तंत्रशास्त्रका वचन देखिये पहिये / पीत्वा पीत्वा पुनःपीत्वा यावत्पतति भूतला. पुनरुत्थाय वैपीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते॥॥ अर्थ-शराब पीतेपीते यहांतक पिये कि, जमीनपर गिर पड़े फिर उठकर पिये तो फिर जन्म नहीं होताहै, यानी वह शक्स आवागमनसे छूटजाता है // 1 // मुबूत देते देते अब हमारी जबान थक गई. जिस्म थकगया, बोलनेकी ताकत नहीं रही, 'नन नहीं है दद दखल बब बंदोंका खख खुदाके कक कारखानेमें यह कहते हुये लालाजीकी जबान बन्द हो गई, पेटमें आग पडनेलगी, फर्शपर लोटने लगे, नाक ओर मुँहमें मक्खियां घुसने लगी, यह हालत देख लालाजीको महाराजने ज्यों त्योंकर घरपर पहुँचानेका हुक्म दिया. आज्ञा . P.B. AC: Gunratnasuri M 1. Jun Gun AaradhakTrust