Book Title: Stree Charitra Part 01
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 183
________________ 180 / बीचरित्र-डाते हुये दरबार में बिछौनेपर आकर बीचो बीच भद्दमे बैठग और बोले, कि होलीम हमारी हमारे बुजुर्गो. हमारी औलाद सबकी खता म्वाफ़ रही है. हमने किसी मसखरेका कुछ नुकसान नहीं कियाहै, जो हमको बाहर निकालदेगा. अपना खाते अपना कमाते. शराष पी पीकर मजे उडातेहैं, इसवक्त हमारे सामने तमाम दुनि -यांकी बादशाही हेच है, ऐसा कौन धन्नासेठ है जो इस. -बिछौनेसे हमको उठावेगा. लिखिये हमारा इजहार, यह कहकर लालासाहब फर्शपर लेट गये और बोले, हमारा नाम शिवववश, बायका नाम रामबखश, या यूं लिखिये हमारा नाम हाथीचन्द बालिदका नाम घोडचन्द, अअअब हहहमारा इइइइइजहार लिइइइ लिखिये.” जजज जो न पी शराब, अअअ उसका खाना खराब.” हम जातके कायथ और पेशा हमारा बडा लम्बा चौडा नापमें जरवों चला गया. वही रतनपुराका हलका हमारे नाम है. उन सब होलीके भडुआ' हमारी सवारीमें एक घोडी. दोपहरमें दोकोस चलनेवाली- हमारा काम यह कि, ..PP.AC. Gunratnasuri.M.S... Jun Guri Aaradhak Trust.

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