________________ स्त्रीचरित्र. - ऐवही कया है. ऊंचे ऊंचे घरोंमें अब यह रोजगार सुना जाता है. तो भांडोंकी कौन गिनती. नकालोंकी बातें सुनकर महाराजने कहा कि इनका नम्बर रंडियोंये बढा - हुआ है / लखनौकी बादशाही तो इन्होंने मिट्टीका खिलौना कर दिया. ऐयाशी, अगलाम, बदतहजीबीकी जड हिन्दुस्तानें यही फिर्का है. इनको रंडियोंके पीछे दूर हटाकर विठलादो बहुक्म ऐसाही कियागया... सातवीवार हीजडोंका झुंड सामने आया. खौफ और कमजोरीकी सबबसे मुंहसे बात नहीं निकलती मगर ताली बजा बजाकर सिर्फ इतना कहा कि महाराजको खुदा सलामत रक्खे. हम हीजडे हैं. इसी 'होलीकी बदौलत हजारों रुपये खातें कमाते रहे है। सकारने हमारे आगेकी बढताउ बन्द कर दी है. नहीं तो इसीकी बदौलत हम देहातोंमें सबको हंसते हंसाते रहते हैं. और अपने बढतेभी बना लेतेहैं, कभी कभी शहरों कसबोंमेंभी शिकार मारलिया करते हैं: यह कह तालियां बजाकर गानेलगे. G nraum * Jun Gun Aaradhak Trust,