________________ 200 स्त्रीचरित्र. क्योंकि धूल उडाना, गोबर, कीचड दूसरोंपर फेंकना, नशा पीकर मत्त रहना यह राक्षसी स्वभाव है. यदै त्यौहार होलीका प्रायः सबका है, परंतु नियमानुसार करे, उसीका है. नियम विरुद्ध चलनेवालोंका यह त्यौहार नहीं हैं. शोक है, कि समयके हेरफेरसे हम लोगोंमें विद्याका अभाव होगया. जगतमें कुसंगकी वृद्धि होगई, प्रजापर अनेक उपद्रव होने लगे, जिससे प्रजाका मन सावधान नहीं रहा, बहुतसे पुराने व्यौहार छूटगये, रीत बदलगई, केवल नाम शेष रहगया. परन्तु जबसे महाराज अंग्रेजका यहां राज्य हुवा तबसे प्रजाको अपने अपने धर्म कर्मका सुबीता है. महाराजकी ओरसे किसी प्रकारकी रोकटोक नहीं. निश्चयहै कि अब धीरे धीरे हम सब लोग ठीक टीक अपने धर्ममार्गपर चलने लग जायंगे. क्योंकि सु. भीता होनेहीसे सब काम सुधर सकते हैं. आजकल सुभीता होनेके कारण यत्रतत्र सभाओंद्वारा कुछ कुछ सुधार होने लगाहै, एवं शनैः शनैः सब सुधार हो जायगा P.P. Ac. Gunratnasuri M.S Sur Aaladnak Trust