________________ भाषाकिासहित. १८७इमारी होली होनेमें क्या कुछ शक बाकी टी. बहु तेरे | घरोंमें हमारी बहिनैं मालकिन बनी बैंग हैं मत करती और ऐश उडाती हैं. अब आप हमारा एक मुजरा सुन लीजिये.. कालिंगडा। प्यारी बिन कटत न कारी रैन, पल छिन न परत जिय हाय चैन / तनपीर बढी सब छुटयो धीर, कहि आवत नहीं कछ सुखहु वन // जिय तरफरात सब जरतगात, टप टप टपकत दुखभरै नैन / दुख मेटनहारो काउ है न, सजि विरह सैन यह जगत जन / मारत मरोरि. मोहिं पापी मैन, प्यारी बिन कटत न कारी रैन // 1 // छठीबार नकाल ( भांड )बुलाये गये. उनमेंसे कुछ आगे बढ, ही, ही, ही, मेरा घोडा रंडीका जोडा खाय बहुत चलै थोडा. महाराजकी जय हो, बात बनी रहे AC.Gunratnasuri MS Jun 'Gun Aaradhak Trust