________________ 176 . स्त्रीचरित्र. मनसी टेक // भला जय बोलौ कलियुग बाबाकी // 19 // फागुन आया मस्त महीना प्यारीधरत न धीर // मदन वदनमें सदन करत है उठे करेजवापीर / भला कोउ बुरा न मनियो होली है // 20 // __फागुनमासमें ऐसे परमपुण्यनय भरतखंडमें दिल्लगी, गाली, गुहार आदिका असह्य व्यवहार अत्यन्त अनर्थजनक है. यह सब बातें अविद्यान्धकारसे तन्मय हैं, असमर्थ जनोंके प्रति तो कहनाही नहीं. परन्तु सामर्थ्यवान् जनोंको योग्य है कि इस अन्धपरम्पराको. दूर करनेका प्रयत्न करें. अब आगे होलीके निर्णय विषयमें एक ऐतिहासिक प्रसंग लिखते हैं। श्रीमन्महाराजा विक्रमादित्यजीकी उन्नीसवीं शताब्दीके आरंभमें पूर्वोत्तर देशके एक छोटेसे राज्यक आधिपति राजा रतनसिंह नामक प्रसिद्ध वीर राजा राज्य करताथा. महाराज रतनसिंहके न्याय और उत्तम P.P/Ac. Gunratnasuri MS. Jun. Gun Aaradhak Trust