________________ . भाषाटीकासहितः / समझो तो सेठानीजीको आकर पढा जायाकरो, औ पतिव्रताधर्म सुनाया करो. ब्राह्मण देवताने सेठजीकी बातको तुरंत अंगीकार करलिया, 'जोई रोगीके मनभावे, सोई वैद बताई आय // , अब तो ब्राह्मण देवता नित्य . सेठानीके पास आकर अपने दिन सुख चैनसे बिताने लगे. सेठानीभी परमआनन्दसे रहने लगी. देखिये स्त्री चरित्र कि दोयारोंको अपने पतिके सामने निकालदिया और एकको पतिकी आज्ञासे सदाके लिये अपने समीप रखनेका प्रबंध करलिया धन्य स्त्रीकी चतुराई, भला स्त्रियोंसे कौन पार पासकता है ? // इति // गोपीचरित्र 5. है. एक सौदागरकी स्त्रीका नाम गोपी था वह सुन्दरी बडी चतुर और चचंल थी, सौदागर सर्वदा सौदागरी के लिये बाहर जाया करताथा और गोपीके पास एक बुढियाको रखदियाथा. जब सौदागर बाहर चला जाताथ तब गोपी उस बुढाको भेज कर अपने यारोंक बुला 2 P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust