________________ भाषाटीकासहितः आ पडा, यही बुद्धिनाशक कौतुक है. अब विचारा कोतवाल किसे चोर समझे और किसे लेजाय; परंतु उसको उचित था, कि जिसको राजाने बुलायाथा, उसे लेजातायहां अपनी चातुरी दिखानेकेलिये दोनोंहीको महाराज के -सन्मुख लाय खडा करदिया. और मार्गका समाचारभी कह सुनाया. परन्तु अपने कुव्यवहारका नामतक नहीं - लिया उचित अपराधको भलेप्रकरर जांचकर दण्ड देना राजाका स्वत्त्व है न कि अन्य कर्मचारी पुलिसप्रभृतियों--- का परन्तु इस बातके कहनेकी शक्तिही किसे है. अस्तु, ___ दोनों मित्र राजाके खन्मुख खडे हैं अहा ! स्वार्थपर ताको छोडकर निष्कपट प्रीति इसका नाम है. क्या - सुखदर्शनके देवता होनेमें अबभी कुछ सन्देह है। परन्तु यहां राजाको तो औरही अभीष्ट था. शीघ्रही आज्ञा दी मदनमोहनही वास्तविक चोर है, इसको शृलीके सन्मुख लेजाओ आज्ञाकी देरीथी, शीघ्र शूलीके सन्मुख समाहनजी खडे करदियेगये. यह आश्चर्य कौतुक सकर नगरभरमें शोकध्वनि छागई. समस्त राजकमें Jun Gun Aaradhak Trust