Book Title: Stree Charitra Part 01
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath
View full book text
________________ भाषाटीकासहित.. 173 / वर्षा करिके वेसमय जोन्हरी बजरी खोय। चारानाज मिलै नहिं ढूंढे मरैरि आयारोये। भला यह मरजी अजब गुसैयांकी // 5 // खूब मजेसे होली खेलौगावौ गीत सुगीत / गांव गवेलौं को मत छेडो मेटौ सकलकुरीति। भला यह क्योंकर तुम सब मानाग॥ 6 // चौका चूल्हा बहुत लगावत रांधत बटुली मांसाल्याव रुपैया दुइहजार जब बुझै हमारी प्यास।भला यह रीति हमारेषटकुलकी॥७॥ पानी पीवों तब लुटियाकोजबरुपया गिनदे-यबिटवा व्याहौ जब धाकर घर तबहीं जस ललय / फला क्या नई कुलीनी है हमरे॥८॥ धारता समर वीरता रही कायरी एक // नारद जो हुक्का होली औ कसबीके टेक // मला तो सबी बात बन जावैगी // 9 // 15 सबेरे वडी मारें चन्दन खारें माथ। Ben Gunratnasu Yun Gun Aaradhak Trust

Page Navigation
1 ... 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205