________________ भाषाटीकासहित. को. कि जिसने मुझको न्यायपूर्वक राज्य करनेकी बुद्धि प्रदान की है, अतः उस परमात्माका जितना धन्यवाद दूं थोडा है. ___महाराजको विचार करते देखकर सकल सभासद्गण - परम विस्मित हुये, कि आज महाराज क्या विचार कररहे - हैं, क्षणक्षणपर भाव पलट जाताहै. महाराजने भी सबकी - आकृती देखकर जानलिया कि ये सब हमारे तर्कवितर्क पर विस्मित होरहे हैं तो अब इस कौतुकका दृश्य इन -सबकोभी अवश्य दिखाना चाहिये यह विचार स्थिरकर - महाराजने कहा मंत्रीवर ! इसी समय कोतवालको आज्ञा दीजिये कि महाराजगंज नामक महल्लेमें सुखदर्शन नामक पंडित जो सरकारी चोर है उसको प्रतिष्ठापूर्वक शीघ्र न्यायालय में उपस्थित करें. मंत्रीने कोतवालसे कहा पक, तुमने महाराजकी आज्ञा सुनी ? शीघ्र आज्ञानुसार -काये करो. सुनतेही कोतवाल महाराजगंजमें पहुंचा। उखदर्शन शास्त्रीको पुकारा, मुखदर्शन के बाहर मातही कोतवालने कहा, महाराजने आज्ञा का ह P. Guatlasun ". Jum Gun Aaradhak Trust ...