________________ भाषाटीकासहित.. आप पंडित हो, कृपाकरके बतलाइये कि मेरा पति के विदेशसे लौटेगा, "यह सुनतेही पांडतजीने अपना पत्रा खोल अंगुली गिनकर बताया कि, सेठानीजी !' तुम किसी बातकी चिन्ता मत करो, हमारे विचारमें " आताहै, कि तुह्मारा पति आनाचाहता है. _ अनन्तर महदेईने पूछा, कि पंडित जी ! यह बंडीसी पोथी जो आपके हाथमें है, इसमें क्या लिखाहै ?पंडितने सकुचाकर जवाब दिया, कि, यह पाथी हमने स्त्रीचरि की बनाई है. इसमें सैकडों स्त्रियों के चरित्र इस कारण लिखे हैं, कि कोई स्त्रियोंके जालमें न फँसे. यह सुनकर महदेईने कहा, कि पंडितजी ! आपने स्त्रीचरित्रकी पुस्तक तो बनाई, परंतु पुरुष चरित्रकी कोई पुस्तक नहीं बनाई क्या पुरुष किसी बातमें स्त्रियोंसे कमती होते है ? आपही लोगोंने नीतिमें लिखाहै कि स्त्रियों के शरीर पुरुषसे अठगुणा काम होता है. विचार करनेकी बात है। - कि जब एक गुणा कामवाले पुरुषका मन हम सदैव चंचल देखती हैं, जहां किसी नवयौवना स्त्रीको देखा 'P.P.AC. GunratnasuriM.S Jun Gun Aaradhak Trust