________________ भाषाटीकासहित. मारा मरना / सुलगत है तन आग इश्ककी उसमें निशिदिन जरना। कौन तरहसे तेरा मेरा होय काजका सरना 56 // मदनमोहनने यह चिठी लिखकर मालिनको दी, तब मुखदर्शन मालिनसे कहने लगा, कि इस वाटिकामेंसे जो फूल बहुतही सुगंधित हों, उन फूलोंके साथ इस चि. टीको लेकर जाओ, मालिनने ऐसाही किया. जब वह चिट्ठी सुन्दरीने खोलकर पढी, तब छातीसे लगाकर मालिनसे पूंछा, कि यह चिट्ठी तुझको हमारे प्यारीने दी है। यद्याप मैं इस बातको जानती हूं. तथापि तुझसे पूछती हूं कि इस चिट्ठीका लिखनेवाला कैसा है ? उसके रूपका बखान कर, तब मालिनने मदनमोहनकी मूर्तिका ब. खान किया. सुनतेही सुन्दरीको निश्चय होगया कि 16 मरा प्याराही है. अनंतर सन्दरीने नीचे लिखे अनु. -सार चिट्ठी लिखी. दाहा-इस फुलवाडीकेतुहीं.प्यारे सींचनहा क्या ताकत है औरकी,देखै नैन निहार P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust