________________ 150 स्त्रीचरित्र. ॥२७॥तुम चन्दा मैं चांदनी,रची आप करतार॥अब वन्दीको जानिये, अपनी ताबेदार॥२८॥जबसे दरखाहै तुझे. तलफत मेरे नैन // जैसे जल बिन माछली, तलफत है दिनरैन // 59 // चौक। तलफत है दिनरैन पियारे नैन नींद नहिं आती। कर कर तेरी याद पियारे नैन नींद नहि आती॥ आठ पहर दिनरैन पियारे तुझीसे ध्यान.लगाती / तेरे इश्कमें फँसकर प्यारे रैन दिना दुख पाती // 60 // : मुन्दरीने इसप्रकार लिखकर मालिनको देकर कहा 'कि, यह पाती हमारे प्यारेको देकर हमारी ओरसे कह देना, कि मेरे जीवन प्राण तुमही हो. फिर कहा हे मालिन ! तुम मेरे पीतम प्यारेको किसी तरह मुझसे - मिलावो. तब मालिनने कहा, कि मैं किसीके मिस जनाने भेषसे लाकर तुमको मिलाऊंगी, धीरज धरो. P.P.AC. Gunratnasuri M.S... Jun Gun Adladhak Trust