________________ भाषाटीकासहित. - को देखकर इसपर आशक होगई-उधर उसके मित्रने जा न लिया कि, मदनमोहन इस सुन्दरीपर आशक होगयाँ हैं.. दोहा-लगन लगगई नेहकी, गयोधीरहूभागि॥ कैसे दिलवर रूपमें, छिपै इश्ककी, आगि // 3 // एक सखी सुन्दरीसे कहने लगी, किदोहा-नैना लागै नहिं छिपत, करौ अनेकन ओट। चतुर नारिऔशूरमा, करत लाख में चोट // 4 // १दूसरी सखी बोली कि, हे सुदरी ! अपने तनको समालो ऐसी बेधीरज मत हो जाओ.. दोहा-नैननकोयहधर्महै,जो कहुं ये लगजाय लोकलाज कुल कानिका जलमें देत वहायर यह सुन सुन्दरी झुंझलाकर कहने लगी, कि सखियो ! क्या तुमलोगोंने मुझको दीवानी समझ लिया है, जो मुझसे छेड़छाड़ कररहीहो, ऊपरसे ऐसा भाव दर्शायु सुन्दरीका मन विकल होनेलगा. :.rti ... ...PRAC. Gunratnasuri M.S: . Jun Gun Aaradhak Trust