________________ भाषाटीकासहित... 1.10 117 जायगा. यह सोच विचारकर साहूकारका लडका तभ्यो लिनिके घरमें घुसगया, और तम्बोलिनिके मनको दो घंटातक प्रसन्न करता रहा चलते समय साहूकारके लड.. केने कहा कि आज हम तुम्हारे बुलानेसे तुम्हारे घर आये परंतु अब हम नहीं आवेंगे, तुम्हारी इच्छा हो तो हमारे घरपर तुम नित्य आजाया करना. यह बात सुनकर तम्बोलिनिने कहा प्यारे! अपना स्थान मुझको बताना कि, मैं वहाँ आजाया करूं. साहूकार बेटेने कहा कि - ज्यौहरी मुहल्लेमें जो सबसे ऊंचा मकान है वह मकान - हमाराही है उसके फाटकपर ऊपर हवावाला पहला कमरा हमारे रहनेका है ऊपर जानेके लिये बाहरसे खिडकी लगी है उसीमें ऊपर चढने के लिये सीढियां बनी हैं हम अपने नौकरसे कहदेंगे, तुम्हारे आनेकी रोक ठोक किसी समय नहीं होगी. यह कहकर साहूकारका लडका चला गया. तब तम्बोलिनि / उसदिन तो अपने घरही पर रही. दूसरे दिन शृंगार - कर बनउनके साहूकारजादेके कमरेमें पहुंची दोनों P.P.AC. Gunrathasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust