________________ भाषाटीकासहित. नहीं है. स्त्रियोंकी रक्षा इसप्रकार नहीं की जाती, कि जैसे तुम दरवाजा घरे बैठे रहते हो और किसीको जाने आने नहीं देते. ऐसी चौकसी और रखवाली करना मूरों का काम है जो स्त्री बत्रै तो अपने आपसे, नहीं - तो वापसेभी नहीं. सुनों स्त्रियोंकी रक्षा करनेका मुख्य उपाय यह है, कि उनको पढावै, लिखाचे, पतिव्रताओंका धर्म सिखावै, और पुराणोंमेंसे शुभ लक्षणवाली स्त्रियों के इतिहास सुनावै, इस उपायसे स्त्रियोंका सुधार हो सकता है. चमेलीकी यह बात सुनकर उस सुनारका सब भ्रम जाता रहा, उसदिनसे फिर कभी अपनी स्त्रीकी चौकसी नहीं की ऐसेही स्त्रियों के चरित्र होते हैं / / इति // मुखदेई चरित्र 4. एक साहूकारकी स्त्रीका नाम मुखदेई था. वह रूपमें बहुतही सुन्दरी थी. साहूकारका नियम था, कि दिनके दश बजेतक स्नान, ध्यान, पूजन, भोजनसे निश्चिन्तहोकर दूकानपर जा बैठता था. फिर किसी आवश्यक .PP. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust