________________ भाषाटीकासहित. बोला, सेठानीजी ! यदि तुह्मारी यही इच्छा है तो कुछ चिन्ता नहीं. सेठानीजी यह बात सुनतेही प्रसन्न होगई, और मनमें कहने लगी, कलियुगका समय है, क्या पं. डित, क्या गुणी, क्या चतुर सबही स्त्री और लक्ष्मीके वशमें हैं. कवित्त / नख बिनकटा देखे शीश बहु जटा देखे जोगी कनफटा देखे छार लाय तनमें। गुणी अनबोल देखे बड़ा शिरखोल देखे करत कलोल देख बनखंडी बनमें // पीर देख सूर देखे गुनी और क्रूर देखे माया भरपूर देखे भूलरहे धनमें। आदि अन्तसुखी देख जन्महोके दुखी देखे पर वे न देखे जिनक लोभ नाहि मनमें // 1 // लक्ष्मी देवी बडी बलवती है, जिसका नाम लेतेही मनुष्य वशीभूत हो जाता है, लक्ष्मीही आंख रहते मनु P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust