________________ सेठियाजेनग्रन्थमाला मादि से पानी भरना, दही विलौना, खांडना, कूटना मादि गृहस्थ के कार्य करना है। ____31 व्यायाम करने वाले मनुष्यों को कुछ भी चिकना या ताकतवर छाभदायक नहीं होती / ताकतवर और चिकने पदार्थ खाने वालों को कसरत करना हमेशा हितकारी है / विशेष कर जाड़े और वसन्त के समय में तो कसरत बहुत ही लाभदायक है / 32 कसरत अपने प्राधे बल के अनुसार करना चाहिये; क्योंकि ज्यादा कसरत करने से हानि होती है, बहुत ज्यादा करने से क्षय, प्यास, अरुचि, रक्तपित्त, भ्रम, थकान, खासी, शरीर का सूखना, या सुश्की मुखार और श्वास (दमा) ये रोग हो जाते हैं / जब मुँह ससने लगे, मुँह से जल्दी जल्दी हवा निकलने लगे, अर्थात् दम छलने लगे या शरीर के जोड़ों और कोख में पसीना आने लगे, सब कसरत करना बन्द कर दे / यही प्राधे बल के लक्षण हैं। 33 कसरत करते करते कुछ खाना या चबाना ठीक नहीं है। कसरत करके दूध- मिश्री, या घीदूध मिश्री मिलाकर पीना चाहिये, म. पवा अपनी प्रकृति और पाचनशक्ति के अनुसार दूसरी और कोई तर चीज खानी चाहिये। 34 व्यायाम करते समय लंगोट, रूमाली या जाधिया वगैरह ऐसी चीज़ बांध ले, जिससे फोते टीले न हों, क्योंकि लंगोट वगैरह न बाधने से फोते लटक माने और नामर्द हो जाने का भय है।