________________ व्यञ्जनान्ता: पुल्लिङ्गाः 113 दादेहस्य गः॥३३२॥ दादेर्हकारस्य गकारो भवति, विरामे व्यञ्जनादौ च / गोधुक्, गोधुम् / गोदुहौ / गोदुहः / संबोधनेऽपि तद्वत् / गोदुहं / गोदुहौ / गोदुह: / गोदुहा / गोधुग्भ्यां / गोधुग्भिः / इत्यादि / मुह-शब्दस्य तु भेदः। मुहादीनां वा॥३३३ / / मुहादीनां हकारस्य गकारो भवति, वा विरामे व्यञ्जनादौ च / मुक्, मुग, मुड्। मुहौ / मुहः / मुहं / मुहौ। मुहः / मुहा। मुग्भ्यां, मुड्भ्यां / मुग्भिः, मुड्भिः / इत्यादि / एवं द्रुह् स्नुह् स्निह् प्रभृतयः / प्रष्ठवाहशब्दस्य तु भेदः / प्रष्ठवाट, प्रष्ठवाड् / प्रष्ठवाही / प्रष्ठवाहः / प्रष्ठवाहं / प्रष्ठवाहौ। इस प्रकार से सकारांत शब्द हुए। अब हकारांत पुल्लिंग मधु लिह शब्द है। मधुलिह + सि 'हशषछान्तेजादीनां डः' इस २७१वें सूत्र से 'ह' को 'ड्' पुन: विकल्प से 'ट्' होकर 'मधुलिट्, मधुलिड्' बन गया। मधुलिह-मधु को चाटने वाला मधुलिट्, मधुलिड् मधुलिहौ मधुलिहः / मधुलिहे मधुलिड्भ्याम् मधुलिड्भ्यः हे मधुलिट् हे मधुलिहौ हे मधुलिहः | मधुलिहः मधुलिड्भ्याम् मधुलिड्भ्यः मधुलिहम् . * मधुलिहौ मधुलिहः / मधुलिहः मधुलिहोः मधुलिहाम् मधुलिहा मधुलिड्भ्याम् मधुलिड्भिः / मधुलिहि मधुलिहोः मधुलिट्सु, मधुलिट्त्सु * पुष्पलिह आदि के रूप भी इसी प्रकार से चलेंगे। गोदुह शब्द में कुछ भेद है। गोदुह +सि है 'व्यञ्जनाच्च' सूत्र से 'सि' का लोप होकर 'हचतुर्थान्तस्य धातोस्तृतीयादेरादि चतुर्थत्वमकृतवत्' इस २९०वें सूत्र से धातु के तृतीय अक्षर को चतुर्थ अक्षर हो गया तब 'गोधुह' रहा / पुन: 'द' है आदि में जिसके ऐसे हकार को 'ग्' हो जाता है // 332 // जबकि विराम और व्यञ्जनादि विभक्तियाँ आती हैं / एवं “पदांते धुटां प्रथम:" तृतीय को विकल्प से प्रथम अक्षर होकर 'गोधुक्, गोधुग्' बना। गोदुह–गाय को दुहने वाला ग्वाला गोधुक्, गोधुग् गोदुही गोदुहः / गोदुहे गोधुग्भ्याम् गोधुग्भ्यः हे गोधुक्, हे गोधुग हे गोदुहौ हे गोदुहः | गोदुहः गोधुग्भ्याम् गोधुग्भ्यः गोदुहम् गोदुहौ गोदुहः | गोदुहः गोदुहोः गोदुहाम् गोदुहा गोधुग्भ्याम् गोधुग्भिः | गोदुहि गोदुहोः मुह शब्द में कुछ भेद है। मुह् + सि विराम और व्यञ्जनादि विभक्ति के आने पर मुह आदि शब्दों के हकार को 'ग्' विकल्प से होता है // 333 // विकल्प से मतलब “हशषछान्तेजादीनां डः” सूत्र से 'इ' भी हो जाता है। तथा विकल्प से प्रथम अक्षर होकर चार रूप “मुक् मुग् मुट् मुड्" बन गये। मुक मुग मुट् मुड् मुहः हे मुक् मुग मुट् मुड् मुहम् गोधुक्षु मुही