Book Title: Katantra Vyakaran
Author(s): Gyanmati Mataji
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 418
________________ परिशिष्ट 383 सूत्र 479 170 189502 191 228 248 249 पृष्ठ सूत्रक्रमांक सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक इचिपूर्वपदस्याकारः 158 439 इवर्णावर्णयोलोप: स्वरे प्रयये इवर्णावर्णयोर्लोप: स्वरे प्रत्येय ये च ये च 479 इणत: 172 इदमो हः 186 ___ 526 इदमोटंधुनादानीम् / 186 530 इदम: समसण् 187 535 इदं किंभ्यां थमुः कार्य: इदम: 558 इन्ञ्यजादेरुभयम् 203 37 इणश्च 140 इरन्यगुणे 239 इडागमोऽसार्वधातुकस्यादि इणिक्स्थादापिबतिभूभ्यः व्यञ्जनादेरयकारादेः 247 227 सिच: परस्मै 247 इणो गा: 232 इकोऽपि 248 235 इवर्णादश्विश्रिङीङ् शीङ 237 इवणों यमसवणे न च परो लोप्य: 13 इटश्चेटि 251 249 इरनुबन्धाद्वा 260 इटो दीर्घा ग्रहेरपरोक्षायाम् 261 290 इन्यसमानलोपोपधाया इटि च 271 326 ह्रस्वश्चणि 262 294 इजात्मनेपदे प्रथमैकवचने 282 359 इचस्तलोप: 282 इबन्तर्धभ्रस्जदम्भुश्रियूर्णभर इन्कारितं धात्वर्थे 299 ज्ञपिसमितनिपतिदरिद्रांवा 288 388 इनि लिङ्गस्यानेकाक्षरस्यान्तस्य इस्तम्बशकृतो: ब्रीहिवत्सयोः 330 610 स्वरादेर्लोप: 299 इदमी: . 340 672 इज्जहाते: क्त्वि 361 790 ईकारादि सूत्र 'ईदूतोरियुवौ स्वरे 50 189 ईदूतौ स्त्राख्यौ नदी 64 ईकारान्तात्सि: 64 227 ईङ्योर्वा 251 ईकारे स्वीकृतेऽलोप्य: 136 373 ईप्सितं च रक्षार्थानाम् 144 401 ईयस्तु हिते 177 498 ईषदसमाप्तौ कल्पदेश्यदेशीया: 189 546 ईश: से 222 123 ईड्जनो: स्ध्वे च 224 ईषदुःसुषुकृच्छ्राकृछ्रार्थेषु खल् 359 777 उकारादि सूत्र उवणे ओ 9 30 उमकारयोर्मध्ये 28 104 उदङ् उदीचि: 86 269 उशनस्पुरुदंसोऽनेहसां सावनन्त:१०८ 318 उत्वं मात् 111 326 उपान्वध्याङ्वस: 149 417 उवर्णस्यौत्वमापाद्यं 168 476 उपमाने वति: 178 501 441 226 74

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