Book Title: Katantra Vyakaran
Author(s): Gyanmati Mataji
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 439
________________ 404 कातन्त्ररूपमाला لم 256 षकारादि सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक षडो णो ने 107 317 षष्ठी हेतुप्रयोगे 146 408 षष्ट्याद्यतत्परात् 183 519 षष् उत्वम् 188 541 षडाद्या: सार्वधातुकम् 197 12 षढो: क: से 222 119 ष्ठिबुक्लमाचामामनि 211 59 षानुबन्धभिदादिभ्यस्त्वङ् 356 764 हकारादि सूत्र हललागलयोरीषायामस्य लोपः .9 28 ह्यस्तनी 1965 हन्तेजों हो 155 ह्यस्तन्यां च 225 134 हन: 272 हनृदन्तात्स्ये 280 .358 हस्य हन्तेघि रि नि चो: 284 367 हनिमन्यतेना॑त् 284 368 हन्तेर्वधिराशिषि 284 371 हनस्त च 316 527 हन्तेस्त: 321 560 हरते१तिनाथयो: पशो . 330 611 हन्ते: कर्मण्याशीर्गत्योः 334 637 हस्तिबाहुकपाटेषु शक्तौ 335 642 ह्रस्वनदीश्रद्धाभ्य: सिर्लोपम् 36 . 134 ह्रस्वोऽम्बार्थानाम् 62 219 ह्रस्वश्च ङवति 62 221 ह्रस्वस्य दीर्घता / 166 470 ह्रस्वाच्चानिटः 250 243 हशष छान्तेजादीनां डः 87 271 ह चतुर्थान्तस्य धातोस्तृतीयादे- . हनेहेर्षिरुपधालोपे 98 . 293 रादिचतुर्थत्वमकृतवत् 290 हशषछान्तेजादीनां डः 106 271 हस्तिपुरुषादण् च 562 ह्रस्वारुषोर्मोन्तः 615 हाज्याग्लाभ्यश्च 364 804 हावामश्च 326 585 ह्वयतेर्नित्यम् 301 449 हिंसार्थानामज्वरि 411 हुधुड्भ्यां हेधिः 216 89 हृन्मासदोषपूषां शसादौ स्वरे वा 98 294 होऽच वयोऽनुद्यमनयोः 327 595 हेत्वर्थे / 142 391 हेतौ च 145 405 हेरकारादहन्ते: 20544 हो ढः 228 146 हो जः / 229 152 हौ च 216 90 ह: कालबीह्योः 325 582 क्षत्र ज्ञादिसूत्र क्षत्रादियः 173 494 क्षेमप्रियमद्रेष्वण्च 333 630 क्षैशृषिपचांमकवाः 347 709 त्रिचतुरोः स्त्रियां तिसृत्रीणि त्रीणि प्रथममध्यमोत्तमाः 197 15 चतसृ विभक्तौ त्रेस्तु च 182 512 : सप्तम्या: 245 219 कातन्त्ररूपमाला की सूत्रावली समाप्त 192 14709

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