Book Title: Katantra Vyakaran
Author(s): Gyanmati Mataji
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

Previous | Next

Page 414
________________ 27 कातंत्ररूपमाला-सूत्रावली अकारादि सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक अनुनासिका डबणनमा: 15 अन्त:स्था यरलवा: अनतिक्रमयन्विश्लेषयेत् 7 23 अवर्ण इवणे ए अज्ञस्य ऊहिन्याम् 12 43 अव: स्वरे 15 53 अज्ञेन्द्रयोर्नित्यम् 54 अयादीनां यव लोप: पदान्ते न वा अनुपदिष्ठाश्च . 66 लोपे तु प्रकृति: 15 55 अन्त्यात्पूर्व उपधा 23 79 अनुस्वारहीनम् अघोषस्थेषु शषसेषु वा लोपम् 28 102 अघोषवतोश्च 28 105 अपरो लोप्योऽन्यस्वरे यं वा. 28 106 अह्रोऽरेफे। अहरादीनां पत्यादिषु 39 117 अघोषे प्रथम: अस्वरे 32 124 अकारे लोपम् अकारो दीर्घ घोषवति 37 140 अल्पादेर्वा 157 अन्नेरमोकार: 44 165 अस्त्रियां टा ना 167 अनन्तो घुटि 49 186 अघुट स्वरे लोपम् 187 अनेकाक्षरयोस्त्वसंयोगाद्व्वौ 190 अग्निवच्छसि अझै 199 अम्शसोरा 207 अम्शसोरादिलॊपम् 64 229 अकारादसम्बुद्धौ मुश्च 69 236 अन्यादेस्तु तुः 71 241 अस्थिदधिसक्थ्यक्ष्णामनन्तष्टादौ अवमसंयोगादनोऽलो अघोषे प्रथम: 255 पोऽलुप्तवच्च पूर्वविधौ ____73 250 अनुषङ्गश्चाक्रुञ्चेत् अञ्चेरलोप: पूर्वस्य च दीर्घः 82 263 अदाञ्चो दस्य बहुलम् 84 अन्त्वसन्तस्य चाधातोस्सौ 277 अभ्यस्तादन्तिरनकार: 93 285 अर्वनर्वन्तिरसावन 295 अष्टन: सर्वासु 102 302 अद् व्यञ्जनेऽनक् 104 308 अघुट्स्वरादौ सेटकस्यापि वन् सेर्व अदस: पदे मः 325 शब्दस्योत्वम् 109 319 अदोमुश्च / 111 328 अदसश्च 111 329 अनडुहश्च 115 337 अपश्च 118 338 अपां भेदः / 118 339 अह्नः सः 125 343 * अमौ चाम् 128 349 अत् पञ्चम्यद्वित्वे 130 357 197 249 262 267 - 110

Loading...

Page Navigation
1 ... 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444