________________ 274 कातन्त्ररूपमाला अस्यादेः सर्वत्र // 334 // अभ्यासस्यादेरस्य दीर्घो भवति परोक्षायां सर्वत्र / आद आदतुः आदुः। आदिथ आत्थ आदथुः आद / आद आव आय। शीङ् स्वप्ने / शिश्ये शिश्याते शिश्यिरे / उवाच ऊचतुः ऊचुः / ऊचे ऊचाते ऊचिरे / उष दाहे / विद ज्ञाने। जागृ निद्राक्षये। उषविदजागृभ्यो वा // 335 // उषादिभ्यो वा आम् भवति परोक्षायां / ओषाञ्चकार ओषाञ्चक्रतुः ओषाञ्चक्रुः / ___आमि विदेरेव // 336 // आमि परे विदेरेव गुणो न भवति / विदाञ्चकार विदाञ्चक्रतुः विदाञ्चक्रुः / जागराञ्चकार जागराञ्चक्रतुः जागराञ्चक्रुः / आमभावे अभ्यासस्यासवणे इत्युवादेश: / उवोष ऊषतुः ऊषुः / विवेद विविदतुः विविदुः / जजागार। परोक्षायामगुणे // 337 // जागर्तेर्गुणो भवति परोक्षायामगुणे परे / जजागरतुः जजागुरुः / इत्यदादिः / / भीहीभृहवां तिवच्च // 338 // एषां वा आम् भवति परोक्षायां स च तिवद्भवति / इति तिवद्भावाद् द्विवचनं। जुहुवाञ्चकार जुहुवाञ्चक्रतुः जुहुवाञ्चक्रुः / जुहाव जुहुवतुः जुहुवुः / जुहविथ जुहोथ जुहुवथुः जुहुव / जुहाव जुहव जुहुविव जुहुविम। बिभी भये। बिभयाञ्चकार बिभयाञ्चक्रतुः बिभयाञ्चक्रुः / बिभाय बिभ्यतुः बिभ्युः / बिभयिथ परोक्षा में सर्वत्र अभ्यास के आदि के 'अ' को दीर्घ हो जाता है // 334 // आद आदतुः आदुः / आदिथ, / शीङ्–सोना। शिश्ये शिश्याते शिश्यिरे / वच-उवाच ऊचतुः ऊचुः / ऊचे / उष–दाह / विद-ज्ञान / जागृ= निद्राक्षय। उष विद जागृ से परोक्षा में आम् विकल्प से होता है // 335 // गुण होकर ओषांचकार ओषांचक्रतुः ओषांचक्रुः / आम् के आने पर विद् धातु को ही गुण नहीं होता है // 336 // विदाञ्चकार विदाञ्चक्रतुः विदाञ्चक्रुः / गुण होकर-जागराञ्चकार / जागराञ्चक्रतुः जागराञ्चक्रुः / आम् के अभाव में 'अभ्यासस्यासवणे' इस 176 सूत्र से उव् आदेश हो गया। उवोष ऊषतुः ऊषुः / विवेद विविदतुः विविदुः / जजागार। ___परोक्षा के अगुण में जागृ को गुण हो जाता है // 337 // जजागरतुः जजागरुः। .. इस प्रकार से परीक्षा में अदादिगण समाप्त हुआ। परोक्षा में जुहोत्यादिगण प्रारंभ होता है। भी, ह्री, भृ और हु धातु को परीक्षा में विकल्प से आम् होता है एवं वह तिवत् हो जाता है // 338 // तिवत् होने से धातु को द्वित्व हो जाता है। जुहुवाञ्चकार / जुहाव। बिभी-भयभीत होना। बिभयाञ्चकार / बिभाय / ह्री-लज्जा करना। जिह्वयाञ्चकार / जिह्वाय। भृञ्-धारण पोषण करना। बिभराञ्चकार / इत्यादि / ओहाङ्-जहे जहाते दधौ दधतुः दधुः / दधे दधाते दधिरे। .